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सलाद में अधिक टमाटर खाने वाले हो जाएं सावधान! वरना हो सकता है ये नुकसान

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Tomato Side Effects
Tomato Side Effects

Tomato Side Effects: टमाटर का इस्तेमाल (Uses of Tomato) हम अधिकतर घरों में होते है। हर सब्जी का स्वाद बढ़ाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है। लगभग सभी चीजों में हम टमाटर का इस्तेमाल करते हैं। (Tomato Side Effects) ये ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत की दृष्टि से भी बहुत ही फायदेमंद है। स्किन से लेकर कई गंभीर बीमारियों के इलाज में टमाटर खाने की सलाह दी जाती है। टमाटर में लाइकोपीन, कोलीन, अल्फा-लिपोइक एसिड, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे आवश्यक एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर से कई बीमारियों को दूर रखने में हमारी मदद करता है।

कई पेषक तत्वों से भरपूर टमाटर (Tomato Side Effects) स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इतना ही नहीं, इससे सेवन से वजन कम, दिल की बीमारी से निजात, पाचन शक्ति को बढ़ावा और डायबिटीज कंट्रोल होती है। हालांकि, बड़े-बुजुर्ग कहते हैं किसी भी चीज की अति इंसान के लिए घातक हो सकता है। ठीक ऐसा ही टमाटर के साथ भी है। अगर टमाटर का सेवन अधिक करते हैं, तो इससे कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। आइए जानते हैं अधिक टमाटर खाने के नुकसान-

टमाटर के अधिक सेवन से सेहत पर पड़ता है ये असर (Excess intake of tomatoes affects health)

गुर्दे की समस्या (Kidney Problem)

अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के मुताबिक, क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को पोटेशियम का सेवन सीमित रूप से करना चाहिए। टमाटर में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही इसमें ऑक्सालेट नाम के एंटी-ऑक्सीडेंट का काफी ज्यादा पाए जाते हैं, जो किडनी के रोगियों के लिए अच्छा नहीं माना जात है। इसलिए किडनी की समस्या से पीड़ित मरीजों को टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।

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जोड़ों का दर्द (Joint Pain)

टमाटर का ज्यादा खाने से जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है। क्योंकि इसमें क्षारीय पदार्थ काफी ज्यादा होती है, जिसे सोलनिन कहा जाता है। सोलनिन ऊतकों में कैल्शियम का निर्माण करने का जिम्मेदार होता है, जो जोड़ों में सूजन का कारण बनता है।

एसिड की समस्या (Acid Problem)

टमाटर के अधिक सेवन से गैस्ट्रिक एसिड बनता है, जिससे सीने में जलन या एसिड रिफलक्स का एहसास होने लगता है। यदि आप पाचन की समस्या से परेशान हैं, जो टमाटर का सेवन बंद कर दें। इसके साथ ही अगर आप गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स से पीड़ित हैं, तो टमाटर का सेवन कम कर दें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।

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लाइकोपेनोडर्मिया (Lycopenodermia )

लाइकोपेनोडर्मिया स्किन से जुड़ी समस्या है। लाइकोपेनोडर्मिया व्यक्ति को तब होता है, जब उसके शरीर में लाइकोपीन की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे स्किन मैला नजर आने लगता है। लाइकोपीन शरीर के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन प्रति दिन 75 मिलीग्राम से ज्यादा लाइकोपीन का सेवन करना खतरनाक हो सकता है।

एलर्जी (Allergy)

टमाटर के अधिक सेवन से स्किन में एलर्जी, चकत्ते होने लगते हैं। टमाटर में हिस्टामाइन नामक यौगिक पाए जाते हैं, जिसकी अधिकता के कारण स्किन पर एलर्जी होती है।

Yoga For Fertility: बेबी प्लानिंग करने में आ रही है परेशानी, तो इन योगासन से बूस्ट करें अपनी फर्टिलिटी

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yoga for fertility in Hindi
yoga for fertility in Hindi

Yoga For Fertility: आधुनिक जीवनशैली के चलते हमारे स्वास्थ पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। गलत लाइफ स्टाइल के कारण ना सिर्फ गंभीर समस्याओं के शिकार हो रहा हैं, बल्कि इससे महिला और पुरुष के प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ रहा है। गलत खानपान और जीने के तरीके में गतिहीनता इन समस्याओं के प्रमुख कारण हो गए हैं। (Yoga For Fertility) इस स्थिति में जब कपल्स बेबी प्लानिंग करते हैं, तो उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर की सलाह लेने पर डॉक्टर कपल्स को खानपान और जीवनशैली सुधारने की सलाह देते हैं। ताकि कम जटिलताओं के साथ जल्द ही गर्भ धारण हो सके।  प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए फर्टिलिटी योगा भी काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि, इन योगासन से गर्भधारण की गारंटी तो नहीं दे सकते, लेकिन नियमित रूप से इन योगासन के अभ्यास से निश्चित रूप से गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है।

क्या है फर्टिलिटी योग? (What is Fertility Yoga)

फर्टिलिटी योग कुछ चयनित योग पोज़ है, जिससे शरीर तनाव मुक्त होता है। इसके साथ ही इन (Yoga For Fertility) योग से ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। इससे आंतरिक स्वास्थ्य को मजबूती मिलती है और बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन करता है और गर्भवती होने की संभावना को बढ़ाता है।

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इन योग के फायदे (Benefits of Yoga)

  • फर्टिलिटी योगासन से पेट के निचले हिस्स में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे प्रजनन प्रणाली उत्तेजित होती है।
  • प्रवाहक पोषक तत्वों को प्रजनन अंगों तक पहुंचाने का काम अच्छे से करती है।
  • यह पेल्विक भाग की ओर परिसंचरण को अच्छा करता है, जिससे अंतःस्रावी तंत्र या एंडोक्राइन सिस्‍टम को नियमित होता है।
  • इस प्रकार इन योगासन से प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में हमें मदद मिलती है।

फर्टिलिटी योगा पोज़ (Fertility Yoga Poses)

भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)

  • सबसे पहले आराम से ब्रजासन की स्थिति में बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपनी आंखे बंद कर लें।
  • अपने दोनों कानों को अंगूठे की मदद से बंद करें।
  • तर्जनी उंगली को अपनी आईब्रो पर रखें और नाक को अन्य उंगिलयों से दबाएं।
  • इसके बाद सांस लेते हुए मधुमक्खी की तरह गुनगुनाएं।
  • कम से कम 10 से 20 बार इस योग का अभ्यास करें।

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पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

  • अपने पैरों को फैलाते हुए जमीन पर आराम से बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपने हाथों को जांघ पर रखें।
  • अब सांस लेते हुए अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे झुकें और अपने पैरों को हाथों की उंगलियों से छूने की कोशिश करें।
  • इस दौरान अपनी पीठ को सीधा रखें और सिर को घुटनों के पास लाएं।
  • 5 सेकंड तक इसी स्थिति में रूकें और फिर सामान्य स्थित में आ जाएं।

हस्तपादासन (Hastapadasana)

  • इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले खड़े हो जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें।
  • इसके बाद अपने पैरों को मिलाएं।
  • फिर एक गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों को उठाएं और 180 डिग्री का लाइन बनाएं।
  • इसके बाद सांस छोड़ते समय आगे झुकें और अपने पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
  • इस दौरान अपनी पीठ को सीधा रखें। करीब 10 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।
  • इसके बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।

बद्ध कोणासन (Baddha Konasana)

  • इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को सीधा रखते हुए बैठें।
  • इसके बाद अपने घुटनों को विपरीत दिशा में मोड़ें, ताकि पैरों के तलवे एक दूसरे से सामने आपस में जुड़ जाएं।
  • इसके बाद दोनों हाथों से अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और अपने करीब लाएं।
  • अप पैर पकड़ते हुए अपने जांघों और घुटनों को तितली की पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें।
  • इस तरह गति को धीरे-धीरे बढ़ाएं और धीरे-धीरे कम करें।
  • इस योगासन से आप अपनी जांघों को फैला हुआ महसूस करेंगे।
  • इसके बाद अपने पैरों को सामान्य स्थिति में लाएं।

भुजंगासन (Bhujangasana)

  • इस आसान को करने के पिए पेट के बल लेट जाएं।
  • अब अपने पैरों को मिलाएं और हाथ को आराम से रखें।
  • इसके बाद अपने हाथों पर दबाव डालें और अपने पीठ को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
  • इसे करीब 10 से 15 सेकंड तक करें। इसके बाद सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

हंसने और छींकने पर यूरिन हो जाए लीक, तो समझ जाएं इस बीमारी के हो गए हैं शिकार

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Urinary Incontinence Disease in Hindi
Urinary Incontinence Disease in Hindi

Urinary Incontinence: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कुछ दिनों तक यूरिनरी इंकंटिनेंस (Urinary Incontinence) का एहसास होता है। वहीं, कुछ ऐसी महिलाएं होती हैं, जिनको गर्भावस्था के बाद भी इसका अनुभव होता है।

एक अध्ययन के अनुसार, यूरिनरी इंकंटिनेंस का अनुभव करना कुछ हद तक महिलाओं के लिए खतरनाक भी हो सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान इस तरह की समस्याएं नॉर्मल होती हैं। लेकिन अधिक समय तक ऐसा अनुभव होना घातक हो सकता है। चलिए इस लेख के जरिए जानते हैं यूरिनरी इंकंटिनेंस के बारे में-

क्या है यूरिनरी इंकंटिनेंस?  (What is urinary incontinence)

(Urinary Incontinence) यूरिनरी इंकंटिनेंस किसी भी व्यक्ति को तब होता है, जब वह वे अपने मूत्राशय पर नियंत्रण खो देते हैं, जो प्रेग्नेंसी के बाद लगभग 50% महिलाओं को प्रभावित करता है। इस दौरान महिलाएं ना चाहते हुए भी यूरिन लीक कर देती हैं।

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यूरिनरी इंकंटिनेंस महिलाओं और उनके स्वास्थ्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। यूरिनरी इंकंटिनेंस आमतौर पर दो तरह के होते हैं।

स्ट्रेस इंकंटिनेंस (Stress Incontinence)

स्ट्रेस इंकंटिनेंस खांसने, छींकने, हंसन या फिर कूदने की क्रिया के दौरान कभी भी हो सकता है। इसे ही स्ट्रेस इंकंटिनेंस कहा जाता है। कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के तीसरे माह में ऐसा अनुभव होता है। क्योंकि इस दौरान गर्भाशय थोड़ा भारी हो जाता है, जो मूत्राशय को दबाता है।

इसके अलावा शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन भी होते हैं, जो आपके शरीर को प्रसव के लिए तैयार करने के दौरान ऊतकों और जोड़ों को अधिक लोचदार बनाते हैं। इससे मूत्राशय अपना नियंत्रण खो देता है।

ब्लैडर का अधिक एक्टिव हो जाने से (Active Bladder)

यह यूरिनरी इंकंटिनेंस का दूसरा रूप है। शरीर में यह असंयमता तब होती है, जब  हमारा मूत्राशय अधिक सक्रिय हो जाता है। उदाहरण के तौर पर समझें तो, जब आपको वॉशरूम जाना होता है, तो जैसे ही आप वॉशरूम जाते हैं, उससे पहले यूरिन लीक हो जाती है। इसके अलावा तनाव अधिक होने से भी इस तरह की समस्या होती है।

यूरिनरी इंकंटिनेंस को कैसे कर सकते हैं मैनेज

आज के दौर में अधिकतर डिलीवरी ऑपरेशन से होने लगी है। ऐसे में कहना काफी मुश्किल है कि आप यूरिनरी इंकंटिनेंस को कैसे मैनेज कर सकते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान और शिशु होने के बाद आप अपनी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने के बारे में सोच सकती हैं।

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अपनी मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए आप केगेल (Kegel Exercises) कर सकती हैं, जो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

केगेल एक्सरसाइज अगर सही ढंग से किया गया, तो तनाव को कम किया जा सकता है। इससे यूरिनरी इंकंटिनेंस सही होने की संभावना होती है। इसलिए गर्भावस्था के चौथे महीने से केगेल एक्सरसाइज करना शुरू करें दें। प्रेग्नेंसी के बाद तक इस एक्सरसाइज को जारी रखें।

कैसे करें केगेल एक्सरसाइज (Kegel Exercises)

  • सबसे पहले अपने जांघ, पेट और नितंब की मांसपेशियों को सीधा रखें।

  • श्रोणि (पेल्विक) की मांसपेशियों को कस लें।

  • 10 सेकंड तक अपनी मांसपेशियों को इसी स्थिति में रखें।

  • 10 सेकंड के बाद पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को आराम दें।

  • इस एक्सरसाइज को आप किसी भी समय आराम से कर सकती हैं।

  • केगेल एक्सरसाइज आप ड्राइविंग करते समय या फिर अपनी डेस्क पर बैठे हुए भी कर सकती हैं।

फुल डेडिकेशन के साथ सूर्य नमस्कार करती नजर आईं करीना कपूर, देखें ये खास फिटनेस वीडियो

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Celebrity Fitness Video
Celebrity Fitness Video

Kareena Kapoor Fitness: कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में करीब 50 दिनों से लॉकडाउन है। ऐसे में सभी लोग अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। (Kareena Kapoor Fitness) करीना कपूर भी इन दिनों अपनी फैमिली के साथ समय बिता रही हैं। फैमिली के साथ-साथ करीना कपूर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे योगा करते हुए नजर आ रही हैं।

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करीना कपूर (Kareena Kapoor Fitness) की इस वीडियो को उनकी फिटनेस ट्रेनर रूपल सिदपुरा ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। यह वीडियो देखते ही देखते काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस वीडियो में करीना कपूर सूर्य नमस्कार करते नजर आ रही हैं। वहीं, उनकी ट्रेनर उन्हें इंस्ट्रक्शन दे रही हैं। मालूम हो कि करीना कपूर अपनी फिटनेस को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। वे खुद को फिट रखने के लिए काफी वर्क आउट करती हैं। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए रूपल ने कैप्शन में लिखा है कि करीना ट्रेनिंग के दौरान एक साथ कई बार सूर्य नमस्कार करती थीं और यह उनके वर्कआउट का सबसे अहम हिस्सा था।

Kareena Kapoor Fitness

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करीना कपूर (Kareena Kapoor) के वर्कफ्रंट की बात करें, तो वे जल्द ही आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा में नजर आने वाली हैं। फिल्म की शूटिंग कोरोना वायरस के चलते बीच में रोक दी गई है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद शूटिंग फिर से चलने की संभावना है। इस फिल्म में आमिर खान कई अलग-अलग लुक में नजर आएंगे। अद्वैत चंदन इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। इसके अलावा करीना कहर जौहर की फिल्म ”तख्त ” में भी काम कर रही हैं।

गले की खराश बढ़ने से हो सकती है गंभीर समस्याएं, अपनाएं ये घरेलू टिप्स

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Cough Home Remedies Hindi
Cough Home Remedies Hindi

Sore Throat Home Remedies: सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या बदलते मौसम के साथ शुरू हो जाती है। ऐसे में अगर सर्दी की समस्या ज्यादा समय तक हो जाए, तो गले में खराश होने लगता है। (Sore Throat Home Remedies) गले में खराश की समस्या बढ़ने से कई अन्य समस्याएं भी होने गलती हैं, जिसमें गले का दर्द और सूजन शामिल है।

सर्दी और खांसी के अलावा गले के कई अन्य कारण भी है। इनमें से प्रमुख कारण खानपान है। ठंडी चीजों के अधिक सेवन और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से गले में खराश की शिकायत हो सकती है। (Sore Throat Home Remedies) सही समय पर अगर गले की खराश का इलाज नहीं कराया गया, तो ये धीरे-धीरे गंभीर रूप धारण कर सकती है।

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गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। आइए जानते हैं गले की खराश को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies for Sore Throat)।

गले की खराश दूर करने के घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Sore Throat)

हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)

हल्दी सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी माना जाता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण कई तरह के बैक्टीरिया का सफाया करता है। दूध में अगर आप हल्दी मिलाकर पीते हैं, तो इससे आपको कई तरह के फायदे होंगे। हल्दी वाला दूध पीने से सर्दी-खांसी की समस्या ठीक होती है। इसके साथ ही गले की खराश से भी आपको छुटकारा मिलता है।

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शहद (Honey)

बचपन में अक्सर सर्दी-खांसी की समस्या होने पर बड़े-बुजुर्ग शहद खाने की सलाह देते हैं। आयुर्वेद में शहद को उत्तम औषधी माना गया है। अगर आप गले की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो शहद आपके लिए अमृत है। इसका सेवन करने के लिए आप अदरक का काढ़ा बनाएं। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इससे खराश की परेशानी दूर होगी। इसके अलावा एक गिलास गुनगुना पानी लें, इसमें एक चम्मच शहद और नींबू के रस की कुछ बूंदे डालें। इससे रोजाना पिएं। इससे सर्दी-खांसी की समस्या के साथ गले की खराश भी दूर होगी।

लहसुन (Garlic)

लहसुन में सल्फर पदार्थ का गुण पाया जाता है, जिसके कारण इसमें तीव्र गंध आती है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण पाया जाता है। इसके सेवन से गले की खराश के साथ-साथ सांस से संबंधी समस्या को भी ठीक किया जा सकता है। रोजाना लहसुन की एक कली को अपने दांतो के बीच दबाकर इसका रस चूसे। इससे गले की सभी समस्या दूर होगी। साथ ही सेहत की अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।

पिएं गर्म पानी (Drink Hot Water)

गर्म पानी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। रोजाना गर्म पानी पीने से बढ़ते वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप गले की खराश को दूर करना चाहते हैं, तो रोजाना गर्म पानी पिएं। गर्म पानी पीने से गले में दर्द और सूजन की समस्या दूर होगी।

इसके अलावा गर्म पानी में नमक डालकर इससे गरारे करें। गरारे करने से गले की सभी परेशानी चुटकियों में दूर हो जाएगी। इसके साथ ही गले और सीने में फंसा कफ भी बाहर निकल आएगा।

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पुरुष भी हो सकते हैं यीस्ट इंफेक्शन के शिकार, इन घरेलू उपायों से पाएं छुटकारा

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Male Yeast Infection Home Remedies in Hindi
Male Yeast Infection Home Remedies in Hindi

Yeast Infection: यीस्ट इंफेक्शन के बारे में शायद आप जानते होंगे, ये एक ऐसा इंफेक्शन है, जो अधिकतर महिलाओं को होता है। बहुत से लोगों का मानना है कि यीस्ट इंफेक्शन सिर्फ महिलाओं को होता है, लेकिन ऐसा मानना गलत है। यह (Yeast Infection) इंफेक्शन पुरुषों को भी हो सकता है। पुरुषों में मौजूद कैंडिडा अल्बिकन्स कवक के कारण इन्हें भी यीस्ट इंफेक्शन का खतरा होता है। थ्रश आपके गले, मुंह और त्वचा में विकसित होते हैं।

यीस्ट इंफेक्शन से पुरुष भी संक्रमित होते हैं, ये एक आम बात नहीं है, लेकिन ऐसा संभव है। बीयर का सेवन, ब्रेड खाने और कुछ डेयरी उत्पादों के कारण पुरुष भी यीस्ट इंफेक्शन से शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही पुरुषों में यीस्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण यौन संबंध भी है। महिलाओं के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से पुरुषों में यीस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा हो सकता है।

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अधिकतर महिलाएं इस समस्या से ग्रसित होती हैं, जो इससे छुटकारा पाने की काफी कोशिश करती हैं। लेकिन कई कोशिशों के बाद भी इस समस्या से निजात पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति पुरुषों में भी हो सकती है। यदि आप चाहते हैं कि यीस्ट संक्रमण (yeast infections) से आप जल्दी से जल्दी छुटकारा पाएं, तो कुछ घरेलू उपाय जरूर अपनाएं। इस लेख के जरिए हम आपको यीस्ट इंफेक्शन से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे आप इससे जल्द छुटकारा पा सकें। लेकिन इससे पहले इसके कुछ लक्षणों को जान लेना बेहतर है।

पुरुषों में यीस्ट इंफेक्शन के कुछ प्रमुख लक्षण (Some of the major symptoms of yeast infection in men)

  • सेक्स के दौरान बेचैनी।
  • लिंग के आसपास खुजली होना।
  • पेशाब करते समय जलन होना।
  • लिंग के ऊपरी हिस्से पर खुजली।
  • लिंग से बदबू आना।

यीस्ट इंफेक्शन के घरेलू उपाय (Home Remedies For Yeast Infection)

टी ट्री ऑयल (Tea tree oil)

यीस्ट इंफेक्शन (Yeast Infection) से छुटकारा पाने के लिए टी ट्री ऑयल सबसे बेहतर माना जाता है। इस ऑयल में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, तो यीस्ट इंफेक्शन की समस्या को दूर करने में हमारी मदद करते हैं। कई अध्ययनों में इस बाता का पता चला है कि टी ट्री ऑयल एंटीप्रोटोजोअल, जीवाणुरोधी, एंटिफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होती है। इसे लिंग के ऊपरी हिस्से में लगाने से यीस्ट इंफेक्शन से छुटकारा पा सकते हैं।

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दही (Yogurt)

दही का सेवन स्वास्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। स्किन से लेकर कई गंभीर बीमारियों में दही का इस्तेमाल करते हैं। यीस्ट इंफेक्शन जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने में दही हमारी मदद करता है। दही एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है। दही का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इससे शरीर में सकारात्मक बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलेगा, जो कि कैंडिडा या थ्रश जैसे इंफेक्शनों को दूर करने में हमारी मदद करता है। इसके साथ आप इसका इस्तेमाल प्रभावी हिस्से पर भी कर सकते हैं।

लहसुन (Garlic)

स्वास्थ से जुड़ी कई बीमारियों को दूर करने में लहसुन उपयोगी माना जाता है। लहसुन के सेवन से शरीर में इम्यूनिटी बूस्ट होता है। इसमें कई एंटी वायरल गुण पाए जाते हैं। लहसुन को अपने डायट में शामिल करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इससे यीस्ट इंफेक्शन के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

नारियल का तेल (Coconut oil) 

नारियल तेल का इस्तेमाल हम अधिकतर बालों में करते हैं। लेकिन बहुत से लोग इसका इस्तेमाल स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए करते हैं। इसके साथ ही घरेलू उपचार के लिए भी नारियल तेल का इस्तेमाल किया जाता है। नारियल तेल से कब्ज में राहत, बालों की मरम्मत और त्वचा को मॉइस्चराइज होती है। साल 2007 के एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ कि नारियल का तेल कैंडिडा एल्बिकैंस के खिलाफ अधिक प्रभावी होता है। यानि इससे आप यीस्ट इंफेक्शन के खतरे से दूर रह सकते हैं। इसके लिए आप अपने लिंग पर थोड़ा सा नारियल तेल लगाएं। इसके साथ ही आप अपने भोजन में भी नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

International Nurses Day 2020: नर्स का हमारे जीवन में है बड़ा योगदान, जानें इसका इतिहास और क्या है इस साल का थीम

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Happy International Nurse Day 2020
Happy International Nurse Day 2020

International Nurses Day 2020: 12 मई को हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day 2020) मनाया जाता है। एक नर्स का मरीज को जिंदगी में उतना ही योगदान है, जितना एक डॉक्टर का। अपनी जान की परवाह किए वगैर एक नर्स अपने मरीज की जान बचाती है। नर्सों के योगदान को दिखते हुए यह दिन उनके लिए समर्पित किया गया है। इसके अलावा फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) को श्रद्धांजलि देने के लिए भी यह दिन मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल नर्सिंग की संस्थापक है। इन्होंने प्रीमिया युद्ध के दौरान लालटेन की मदद से सैनिक और मरीजों की सेवा की थी, इसलिए इन्हें ‘लेडी बिथ द लैम्प” भी कहा जाता है।

नर्सों के लिए खोले ट्रेनिंग स्कूल

ब्रिटिश परिवार में 12 मई 1820 को फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) का जन्म हुआ था। इनकी सेवा भावना को याद करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो इनके समर्पण को याद करते हैं। इन्होंने 1860 में सेंट टॉमस अस्पताल और नर्सों के लिए नाइटिंगेल ट्रेनिंग स्कू‍ल की स्थापना की थी।

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1953 में अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सुदरलैंड ने इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था। इस दिवस को मनाने की घोषण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डेविट डी. आइजनहावर ने की थी। जनवरी 1974 में घोषणा की गई थी कि 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) मनाया जाएगा। फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई को हुआ था, इसलिए इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। यह आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक हैं।

स्वास्थ विभाग में नर्सों का योगदान

डॉक्टर के इलाज के बाद नर्स ही मरीज की देखभाल करती है। मरीज को स्वस्थ बनाने में एक नर्स सबसे अहम योगदान माना जाता है। नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाता है कि वे अपने मरीज की सेवा सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और चिकित्सीय दृष्टिकोण के साथ करेंगी। इन दिन नर्सों के योगदान को याद किया जाता है। दुनिया को बताया जाता है कि नर्सों का हमारे जीवन में क्या और कितना योगदान है। नर्सों के कार्यों को देखते हुए आज उन्हें सम्मान की नजरों से देखा जाता है। हर साल 12 मई को कई नर्स राष्‍ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार से सम्मानित होती हैं। भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने इसकी शुरुआत 1973 में की थी। अबतक भारत में 250 के नर्सों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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क्या है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2020 का थीम

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का थीम इस साल “Nursing the World to Health” रखा गया है। इस थीम को रखने का उद्देश्य लोगों में नर्सों के प्रति सम्मान बढ़ाना है। जनता को प्रोत्साहिस किया जाता है कि वे नर्स का सम्मान करें और उनके कार्यों की सराहना करें। लोगों में जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है कि आने वाली पीढ़ी में नर्स का हमारे जीवन में क्या योगदान है। बिना नर्स के एक मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ नहीं किया जा सकता है।

महिलाओं की पर्सनालिटी में आएगा निखार, नियमित रूप से करें ये वर्कआउट

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Women Workout
Women Workout

Women Workout: स्त्रियों के शरीर की बनावट पुरुषों की तुलना में बहुत ही अलग होती है। महिलाओं के संजने-संवरने का तरीका बहुत ही अलग होता है। (Women Workout) इसके साथ ही इनके शरीर की बनावट भी पुरुषों के मुकाबले बहुत ही अलग होती है। 

महिलाओं के पैर पुरुष के मुकाबले बहुत ही नाजुक होते हैं। इसके साथ ही इनके घुटनों की नस भी पुरुषों की तुलना में कमजोर पाई जाती है। (Women Workout) ऐसे में महिलाओं को अपने पैरों का हिस्सा मजबूत करने के लिए नियमित रूप से ये वर्कआउट करना चाहए। इससे ज्यादा से ज्यादा कैलोरी भी बर्न होती है। 

साइड लेग ऐब्डक्शन (Side Leg Abduction)

इस एक्सरसाइज को एक मैट के साइट में लेटकर किया जाता है। इसके साथ ही इसे बेंच की मदद से या फिर जिम बॉल की मदद से भी कर सकते हैं। साइड लेग ऐब्डक्शन एक्सरसाइज करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके शरीर का वजन पैरों पर भी पड़ना चाहिए। 

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काव्स रेज (Caves)

पैरों में किसी भी तरह की समस्या को दूर करने के लिए काव्स रेज एक्सरसाइज किया जाता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए एक ऊंचे प्लेटफॉर्म पर खड़ी हो जाएं। इसे हार्ड बनाने के लिए आप बारबेल्स या फिर डंबबेल्स भी उठा सकती हैं। इसके बाद अपने पैरों की एड़ियां ऊपर उठाएं और फिर नीचे ले जाएं। इस एक्सरसाइज को आप नियमित रूप से करें। अगर दिन में आप दिन में तीन से पांच 5 सेट रोजाना करते हैं, तो पैरों की सारी समस्या ठीक होगी। इसके साथ ही पैर मजबूत भी होंगे। यह पिंडलियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। 

स्क्वॉट्स एंड लंजेस (Squats and Lunges)

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप सबसे पहले अपने बैक को सीधा रखें। स्क्वॉट्स एंड लंजेस करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके घुटने 90 डिग्री एंगज से ज्यादा न मुड़े हों। ऐसा होने से आपको चोट भी लग सकती है। 

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लंजेस करने के लिए आप सीधे नीचे की ओर झुकें। इस दौरान आपकी एड़ी ऊपर होनी चाहिए। स्क्वॉट्स एंड लंजेस को और थोड़ा हार्ड बनाने के लिए आप बेस बॉल का इस्तेमाल कर सकती हैं। स्क्वॉट्स करते अगर आपको पीठ में दर्द होता है, तो आप दीवार के सहारे एक जिम बॉल रखकर इस एक्सरसाइज को कर सकती हैं। 

ऐब्डक्टर एक्सरसाइज (Abductor Exercise)

इस एक्सरसाइज को करने के लिए रेसिस्टेंस बैंड ऐब्डक्टर और पैरों पर बांधे जा सकते हैं। इस बैंड की मदद से आपके पैरों की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं। इससे पैर काफी मजबूत होते हैं। 

इसके अलावा स्विमिंग करने, साइक्लिंग, दौड़ने से भी पैर मजबूत होते हैं। इन एक्सरसाइज के पैरों की नसों में खिचाव होता है, जो पैरों के लिए बहुत ही जरूरी है। 

सेहत के लिए अमृत है गिलोय, कई जानलेवा बीमारियों से रखता है दूर

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Giloy Benefits
Giloy Benefits

Benefits Of Giloy: आयुर्वेद में गिलोय का बहुत ही महत्व (Giloy Significance In Ayurveda) है। इसका हर एक अंग स्वास्थ की दृष्टि से बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसके अनगिनत फायदे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। (Benefits Of Giloy) कई सामान्य बीमारियों से लकर गंभीर से गंभीर बीमारियों के लिए राबमाण माना जाता है। 

नियमित रूप से गिलोय के सेवन से (Benefits Of Giloy) शरीर स्वस्थ रहता है। अगर आप रोजाना गिलोय का जूस पीते हैं, तो इससे आपका पाचन दुरुस्त  (Giloy For Digestion) होता है। गिलोय का जूस पीलिया के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।

इसके साथ ही कैंसर के रोगियों, डायरिया के मरीजों और बोन फ्रेक्चर के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में नियमित रूप से गिलोय का जूस पीने की सलाह दी जाती है। इससे आप अपने ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को भी कंट्रोल में रख सकते हैं। इसके अलावा गिलोय के जूस के और भी कई अनगिनत फायदे हैं। चलिए जानते हैं उन फायदों के बारे में-

बुखार ठीक करने में (Fever)

गिलोय का जूस पीने से बुखार को ठीक किया जा सकता है। इससे बुखार में बढ़ता तापमान को ठीक होता है। बुखार से पीड़ित मरीजों को गिलोय की कुछ पत्तियों को पीसकर इसकी छोटी गोलियां बनाकर देनी चाहिए। सुबह-शाम गिलोय की गोलियां देने से बुखार कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा। 

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खून की कमी दूर करें (Anemic)

गिलोय के सेवन से खून की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही इससे इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है।  इसके लिए आप रोजाना सुबह-शाम गिलोय का रस शहद या घी में मिलाकर सेवन करें। इससे शरीर में आयरन की कमी को कुछ ही दिनों में दूर किया जा सकता है। 

पैरों की जलन होगी दूर (Foot Burning)

पैरों में जलन की शिकायत से अगर आप परेशान रहते हैं, तो गिलोय आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसके लिए गिलोय का रस निकाल लें। इसमें नीम के कुछ पत्ते और आंवला का जूस मिलाकर काढ़ा बनाएं। इस जूस का प्रतिदिन 2 से 3 बार सेवन करें। इससे कुछ ही दिनों में पैरों की जलन ठीक हो जाएगी। 

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डायबिटीज के लिए है रामबाण (Diabetes)

डायबिटीज के रोगियों के लिए गिलोय का जूस काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे ब्लड शुगर को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। हालांकि, ज्यादा समय तक लगातार इसका सेवन नहीं करना चाहिए। गिलोय का अधिक सेवन करने से इसका नुकसान भी हो सकता है। डायबिटीज के रोगी जब भी गिलोय का सेवन करें, तो एक बार डॉक्टर से जरूर करें।  

पीलिया रोगियों के लिए फायदेमंद (Beneficial In Jaundice)

पीलिया के मरीजों के लिए भी गिलोय का रस काफी फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने के लिए एक चम्मच गिलोय के जूस में काली मिर्च या त्रिफला का चूर्ण मिलाएं। इसमें शहद भी मिला सकते हैं। इन चीजों को मिलाकर इसका सेवन करें। 

इसके अलावा गिलोय के कुछ पत्तों को पीस लें। इसे एक गिलास मट्ठे के साथ मिलाकर सुबह-सुबह पीएं। इससे आपको पीलिया की समस्या से कुछ ही दिनों में राहत मिलेगी। 

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प्रेग्नेंट है या नहीं इस बात से हैं परेशान? तो घर में इन घरेलू नुस्खों से करें प्रेग्नेंसी टेस्ट

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Pregnancy Test Kit
Pregnancy Test Kit

पीरियड्स मिस होने के बाद कई महिलाओं को प्रेग्नेंट होने की आशंका होती है। इसकी पुष्टि के लिए या तो वे डॉक्टर के पास जाती हैं या फिर बाजार से प्रेग्नेंसी किट मंगवाकर उसका टेस्ट करती हैं। लेकिन कुछ परिस्थिति के कारण जब प्रेंग्नेंसी जांच करने में असमर्थ होती हैं, तो बहुत ही स्ट्रेस झेलना पड़ता है। आपकी इसी स्थिति को आज हम कम करने आए हैं। 

हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे आप घर में ही बिना किसी किट की मदद से प्रेग्नेंसी जांच कर सकती हैं। आइए जानते हैं उन घरेलू उपाय के बारे में-

ब्लीच से करें प्रेग्नेंसी टेस्ट

घर में ब्लीच की मदद से आप प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। इसके लिए एक बर्तन में थोड़ा सा ब्लीच लें। इसमें यूरीन की कुछ बूंदे डालें। अगर यूरिन डालने के बाद आपको कुछ बुलबुले नजर आते हैं, तो समझ लीजिए आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। 

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चीनी से टेस्ट

चीनी के इस्तेमाल से भी प्रेग्नेंसी जांच की जा सकती है। इसके लिए आप एक डिस्पोजल में आधा चम्मच चीनी लें। इसमें अपने यूरिन की कुछ बूंदें डालें। अगर चीनी आपस में चिपकने लगे, तो ये गर्भ के लक्षण हो सकते हैं। अगर चीनी यूरीन में अच्छी तरह से घुल जाती है, तो आप प्रेग्नेंट नहीं हैं। 

साबुन से करें टेस्ट

साबुन से टेस्ट करने के लिए एक नहाने वाले साबुन का बार लें। इसे एक बर्तन में रखें। इसमें यूरिन मिलाएं। अगर इसपर बुलबुले बनने लगते हैं, तो समझ लें कि आपका प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव हो सकता है। 

डेटॉल से टेस्ट

डेटॉल से टेस्ट करने के लिए एक कांच का गिलास लें। इसमें डेटॉल और यूरिन की बराबर मात्रा लें। अगर डेटॉल और यूरिन आपस में घुल जाता है, तो आप प्रेग्नेंट नहीं हैं। लेकिन अगर यूरिन ऊपर परत बनाकर तैरने लगता है, तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। 

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टूथपेस्ट टेस्ट

टूथपेस्ट से प्रेग्नेंसी चेक करने के लिए सफे टूथपेस्ट लें। इसमें यूरिन सैंपल मिलाकर आप प्रेग्नेंसी टेस्ट आसानी से कर सकती हैं। अगर टूथपेस्ट में यूरिन मिलाने से टूथपेस्ट का रंग नीला हो जाता है, तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। 

कांच का गिलास

कांच के गिलास से भी प्रेग्नेंसी चेक की जा सकती है। अगर आप कांच के गिलास में अपना यूरिन रखती हैं, तो कुछ देर बाद इसमें आपको सफेद परत दिखने लगे, तो हो सकता है आप प्रेग्नेंट हों।

विनेगर

विनेगर में यूरिन मिलाकर प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जा सकता है। अगर विनेगर में आप पेशाब डालती हैं और उसके रंग में आपको कुछ बदलाव नजर आने लगता है, तो समझ जाएं आप गर्भवती हैं। 

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