पीरियड्स में 1 गलती से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, सैनेटरी पैड खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

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Womens Periods Problem in Hindi
Womens Periods Problem in Hindi

Women Periods Problem: महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दौर से गुजरना पड़ता है। यह दौर एक ऐसा समय होता है, जिसमें महिलाओं को असहनीय दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, (Women Periods Problem) जिसमें शरीर का दूषित खून बाहर निकलता है। इस ब्लड को सोखने के लिए महिलाएं महावारी के समय में सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं।

गलत पैड का चुनाव महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके कारण महिलाओं के गुप्त अंगों में खुजली, सूजन और लाल चकते होने की समस्या होने लगती है। (Women Periods Problem) इसके साथ ही गलत पैड के इस्तेमाल से बैक्टीरियल।

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इंफेक्शन का खतरा भी काफी ज्यादा होता है।

दरअसल, पीरियड्स के समय प्राइवेट पार्ट्स में नमी बनती है। ऐसे में नमी और खून के संयोजन के कारण बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन हो जाता है, जो रैशेज बनकर हमारे प्राइवेट पार्ट में उभरता है।

किस तरह करें सही सैनेटरी पैड का चुनाव

सैनेटरी पैड खरीदते समय अपने स्किन का ध्यान दें। हमेशा ऐसे पैड खरीदें, जिससे आपके स्किन पर किसी तरह की एलर्जी ना हो। कई बार अच्छी क्वालिटी के पैड से भी प्राइवेट पार्ट में रैशेज होने लगते हैं। ऐसे में हमें अपने स्किन के हिसाब से पैड खरीदना काफी जरूरी होता है।

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ब्लीडिंग का भी रखें ध्यान

पीरियड्स के शुरुआती दिनों में अगर आपको भी काफी प्लो होता है, तो लॉन्ग और एक्सट्रा एब्ज़ॉर्पशन वाले सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करें। पीरियड्स के दौरान शरीर से निकलने वाला ब्लड काफी दूषित होता है, जिससे प्राइवेट पार्ट में स्किन रैशेज और UTI की समस्या होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसके साथ ही जिन्हें हल्की ब्लीडिंग होती है, वे सामान्य पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सैनेटरी पैड की क्वालिटी

बहुत सी ऐसी लड़कियां होती हैं, जो सस्ते के चक्कर में पैड की क्वालिटी के साथ समझौता कर बैठती हैं। ऐसा करने से आपकी सेहत खराब हो सती है। खराब क्वालिटी के पैड इस्तेमाल करने से रैशेज का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए नैपकीन खरीदते समय क्‍वालिटी का ध्यान जरूर रखें।

कॉटन पैड का करें इस्‍तेमाल

आजकल बाजार में कई तरह के सैनेटरी पैड मिलती हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार पैड का चुनाव कर सकती हैं। खुशबू वाले पैड का चलन आजकल काफी ज्यादा बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह के पैड से नुकसान होने का खतरा बढ़ सकता है। आप ऐसे पैड की जगह कॉटन पैड का इस्तेमाल करें। खुशबू वाले पैड में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा हो सकता है।

एक बार में एक चीज का करें इस्तेमाल

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के पहले और दूसरे दिन बहुत ही ज्यादा ब्लीडिंग होती है। इससे कपड़े में दाग-धब्बे लग जाते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए महिलाएं एक से अधिक पैड का इस्तेमाल करने लगती हैं या फिर एक पैड के साथ टैम्पॉन का इस्तेमाल करती है। ऐसा करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है। एक समय में सिर्फ एक ही चीज का इस्तेमाल ‌करना चाहिए।

हाइजीन का रखें ध्यान

वेजाइनल इंफेक्शन से बचने के लिए आजकल बहुत से ट्रीटमेंट मौजूह हैं, लेकिन अगर आप इस दौरान हाइजीन का ख्याल नहीं रखती हैं। तो कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान हाइजीन का ख्याल रखें, ताकि वेजाइनल इंफेक्शन से बचा जा सके।

इन बातों का रखें ख्याल

  • पीरियड्स के दौरान दिन में हर एक 3 घंटे पर सैनेटरी पैड बदलें।
  • पैड बदलते समय प्राइवेट पार्ट को अच्छे से साफ करें ताकि स्किन संबंधी समस्या से बचा जा सके।
  • पीरिड्य में प्राइवेट पार्ट की दिन में 4 से 5 बार सफाई करें।
  • इस दौरान टाइट कपड़े पहनने से बचें। ताकि बैचेनी और चिड़चिड़ापन ना हो।
  • गर्मियों में कॉटन अंडरवियर पहनें।
  • पीरिड्स में ज्यादा तला-भुना खाना ना खाएं। इससे ऐठन और दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
  • हैवी वर्कआउट ना करें। जितना हो सके शरीर को आराम दें।
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।

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